नैना देवी कहाँ स्थित है : नैना देवी का मंदिर हिमाचल राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित है। मान्यता है कि नैना देवी मे माता सती के नेत्र गिरे थे। यह मंदिर हिमालयी की पर्वत श्रेणीयों की पहाड़ियो पर स्थित एक भव्य मंदिर है। यह देवी सती की 51 शक्ति पीठों में से एक है ! आज के समय में उत्तर भारत की नौ देवियों की यात्रा में माँ नैना देवी का स्थान छठे (6) नंबर पे आता है !
नैना देवी मंदिर की उत्पति कैसे हुई ? - How did the Naina Devi temple Produce?
धार्मिक ग्रंधो के अनुसार एक बार भगवान शिव के ससुर राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया जिसमे उन्होंने शिव जी और माता सती को आमंत्रित नही किया क्योंकि वह शिव जी को अपने बराबर का नही समझते थे। यह बात जब माता सती को पता चली तो उन्हें काफी बुरी लगा और वह बिना बुलाए अपने पिता के घर यज्ञ में पहुंच गयी। यज्ञ स्थल पर लोगों द्वारा भगवान शिव का काफी अपमान किया गया जिसे माता सती सहन न कर पायी और वह हवन कुण्ड में कूंद गयीं। जब भगवान शिव जी को यह बात पता चली तो वह यज्ञ स्थल पे आये और माता सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकाल अपने कांधे पे बिठा कर तांडव करने लगे। जिससे सारे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया। इस संकट से पूरे संसार को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर पर अपने सुदर्शन चक्र से प्रहार किया जिससे माता सती का शरीर 51 भागो में बिभाजित हो गया।
- बिलासपुर में नेत्र गिरने के कारन माँ नैना देवी,
- कोलकाता में केश गिरने के कारण महाकाली,
- नगरकोट में स्तनों का कुछ भाग गिरने से माता बृजेश्वरी,
- ज्वालामुखी में जीह्वा गिरने से माता ज्वाला देवी,
- हरियाणा के पंचकुला के पास मस्तिष्क का अग्रिम भाग गिरने के कारण माता मनसा देवी,
- कुरुक्षेत्र में टखना गिरने के कारण माता भद्रकाली,
- सहारनपुर के पास शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने के कारण माता शाकम्भरी देवी,
- कराची के पास ब्रह्मरंध्र गिरने से माता हिंगलाज भवानी,
- असम में कोख गिरने से माता कामाख्या देवी,
- चरणों के कुछ अंश गिरने के कारण माता चिंतपूर्णी,
नैना देवी के मंदिर परिशर से भाकड़ा नंगल डैम का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
नैना देवी मंदिर के प्रमुख त्योहार : Major festivals of Naina Devi Temple:
हवाई मार्ग
हवाई जहाज से जाने वाले पर्यटक चंडीगढ़ विमानक्षेत्र तक वायु मार्ग से जा सकते है। इसके बाद बस या कार की सुविधा ले सकते है। दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा'अमृतसर विमानक्षेत्र में है।
रेल मार्ग
नैना देवी जाने के लिए पर्यटक चंडीगढ और पालमपुर तक रेल सुविधा ले सकते है। इसके पश्चात बस, कार व अन्य वाहनो से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ देश के सभी प्रमुख शहरो से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
नैनादेवी दिल्ली से 350 कि॰मी॰ कि दूरी पर स्थित है। दिल्ली से करनाल, चण्डीगढ, रोपड़ होते हुए पर्यटक नैना देवी पहुंच सकते है। सड़क मार्ग सभी सुविधाओ से युक्त है। रास्ते मे काफी सारे होटल है जहां पर विश्राम किया जा सकता है। सड़के पक्की बनी हुई है।